स्वमाता एक जीवन दर्शन की तरह है। भारतीय संस्कृति में स्वच्छता, पवित्रता, दिव्यता, शुचिता समाची हुई है। बिना स्वच्छता के आध्यात्मिक शुद्धि नहीं हो पाती है। बिना स्वच्छता के राष्ट्र भी दिव्य एवं उन्नतिशील नहीं बन पाता है। गन्दे गाँवों के निवासी बीमार रहते हैं।
शौचालय विहीन गाँव मीमारियों से पस्त रहते हैं। स्वच्छता से ही व्यक्ति की पहचान होती है। स्वच्छता से हो उत्कृष्ट परिवार की पहचान होती है। स्वच्छता से ही अव्वल समाज की पहचान होती है। वैदिक काल से आजतक स्वच्छता पर भारतीय संस्कृति का बल रहता है।
भारत में श्रीसम्पन्नता और विकास स्वरता के दरवाजे से प्रवेश करेंगे। भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 2 अक्टूबर, 2014 से भारत स्वच्छता अभियान की शुरुमात की। यह अभियान 2 अक्टूबर, 2019 तक लगातार चलेगा। गाँधीजी के सपने को इसमें साकार कराया जाएगा। गाँवों में शौचालय की सुविधा मुहैय्या करायी जाएगी। अभी 60 प्रतिशत से अधिक गाँव के घरों में शौचालय की सुविधा उपलब्ध नहीं है।
Swachh Bharat Abhiyan Par Nibandh
शहरों में कचरा के उठाव पर भी ध्यान दिया जाएगा। शहरों के जहरीले पानी नदियों में गिरते हैं। इससे बीमारियाँ बढ़ती है। नदियों को साफ करने का अभियान चलाया जाएगा। स्वच्छता अभियान के अन्तर्गत सार्वजनिक स्थलों पर भी शौचालय बनाए जाएंगे। स्वच्छता अभियान पर लगभग दो सौ करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। यह अभियान अब जोर पकड़ने लगा है। लोग इस अभियान के लाभों से अवगत होने लगे हैं। इससे भारत स्वच्छ एवं स्वस्थ हो जाएगा।
स्वच्छत हमारे शिष्टाचार का प्रतीक होता है गंदगी रहने के कारण अनेकों बीमारियां होती है इसी कारण प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वच्छ भारत अभियान का शुरुआत किया गया था इसके अंतर्गत देश को स्वच्छ बनाने के लिए अभियान चालू किया गया। जिस से प्रेरित होकर देशवासी अपने आसपास साफ सुथरा वातावरण रखेंगे। इससे पर्यावरण को काफी लाभ प्राप्त होगा और अगर पर्यावरण शुद्ध रहता है तो हमारे स्वास्थ्य भी काफी बढ़िया रहेगा। आज के समय में गंदगी से होने वाली बीमारियों की संख्या अनगिनत है।
अत्यधिक प्रमाणित हो गंदगी के कारण ही फैलता है गंदगी बीमारियों का मुख्य जड़ है और अगर हमें भी बीमारियों को कम करना है तो हमें गंदगी को खत्म करना पड़ेगा। इसीलिए सफाई रखना अत्यधिक जरूरी होता है। अगर हम सभी देशवासी एकजुट होकर या ठान ले कि कम से कम अपने आसपास हम साफ रखे तो इससे देश कभी जल्दी साफ सुथरा हो जाएगा। क्योंकि साफ सुथरा रखना या किसी एक आदमी का काम नहीं है क्या हम सभी देशवासी का काम ही नहीं बल्कि धर्म है।
हमने कभी बार देखा है कि लोग अपने आसपास यत्र तत्र कहीं भी गंदगी फैलाते हैं रोड पर चलते हुए कहीं भी तो किया फिर कचरा फेंक देते हैं। जिसके कारण गंदगी फैलती ही जाती है देश को साफ रखना यहां के निवासी का ही धर्म है जहां हम रहते हैं। वहां साफ सुथरा रखना अनिवार्य होता है। इससे हमारे स्वभाव की प्रकृति का पता चलता है प्रधानमंत्री महोदय द्वारा यह चलाया जाने वाला बहुत ही अच्छा अभियान है। इससे अत्यधिक लोग जागरूक हुए हैं और स्वच्छता की ओर अग्रसर हुए हैं।
स्वच्छ भारत अभियान काफी जोरों शोरों से शुरू हुआ था और अभी भी जारी है। अपने देश में साफ सुथरा रखना या काफी गर्व की बात है जो लोग साफ सुथरा नहीं रखते उनको अपनी मानसिकता बदलनी पड़ेगी। बिना साफ सुथरा स्वच्छता के पर्यावरण को शुद्ध नहीं किया जा सकता है। बढ़ते तकनीकों के कारण पर्यावरण भी काफी दूषित हो चुका है और पर्यावरण को शुद्ध रखने के लिए हमें चारों ओर साफ सुथरा रखना रखना पड़ेगा। यह 1 दिन का काम तो नहीं है।
लेकिन अगर यह आदत बना लिया जाए तो आने वाले समय में चारों ओर स्वच्छता ही सोचता होगा बीमारी के दर में कमी आएगी।
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