वर्षा ऋतु पर निबंध - Varsha Ritu Par Nibandh
वर्षा ऋतु ग्रीष्म-रूपी दैत्य के अतिशय अत्याचार से पृथ्वी तवे की तरह जलने लगती है। जेठ माह की दोपहरी में छाँह भी छाँह चाहती है। मानव तो आकुल-व्याकुल होते ही हैं, पक्षियों का हृदय भी विदीर्ण होने लगता है। कृषक समाज पर उदासी का आलम व्याप्त रहता है। ग्रामबालाओं के अनुनय-विनय से प्रभावित होकर देवराज इंद्र मेघ भेजते हैं ।
मध्य जेठ में मतवाले बादल नभ में गर्जन का नगाड़ा ठोकते हुए दौड़ पड़ते हैं। प्यासी धरती पर अमृत की बूंदें झरने लगती हैं। मानव, पशु, पक्षी, पेड़-पौधे सबों में नवजीवन का संचार होता है। सामान्यत: आषाढ़ के आरंभ से ही वर्षा की फुहार दिखाई पड़ती है, और आश्विन माह तक धौले बादलों की घुड़-दौड़ होती रहती है। परंतु, वर्षा ऋतु की मस्तानी चाल सावन-भादो में देखते ही बनती है।
फिर भी जून से सितंबर महीने तक की अवधि वर्षा ऋतु में परिगणित की जाती है। सभी जीव-जंतु, पशु-पक्षी, पेड़-पौधे, वर्षा ऋतु का स्वागत करते हैं । शीघ्र ही पृथ्वी अपनी हरी चादर बिछा देती है । नदियाँ लहरा उठती हैं और तटबंधों को तोड़कर विस्तृत क्षेत्र में फैलने के लिए व्याकुल हो उठती हैं ।
उमड़ते-घुमड़ते बादलों को देख कर केवल मोर ही नहीं नाचते, अपितु बच्चों की टोलियाँ भी अपनी प्रसन्नता झमाझम वर्षा में चहक-चहककर स्नान करने में व्यक्त करती हैं । वर्षा को ऋतुओं की रानी कहा गया है। इस ऋतु में प्रकृति रानी पल-पल में परिधान परिवर्तित कर अपनी अद्भुत छटा दिखाने लगती है ।
दादुर की ध्वनि तथा. झींगुर की झंकार एक संगीतमय वातावरण उपस्थित करती हैं। घनघोर वर्षाकिसानों तथां गरीबों के लिए संकट उत्पन्न करती है। अतिवृष्टि से छोटी-छोटी सड़कें सर्पिल नाले का रूप ले लेती हैं । यातायात अवरुद्ध हो जाता है। अतिवृष्टि से बाढ़ का दानवी रूप प्रकट होता है । धन-जन का नाश होता है। खड़ी फसलें बर्बाद हो जाती हैं और किसानों पर विपत्ति के पहाड़ टूट पड़ते हैं ।
वर्षा ऋतु एक ऐसा ऋतु है जिसका इंतजार लोग बेसब्री से करते हैं। काफी लोगों को या मौसम बेहद पसंद आता है क्योंकि इस मौसम में बारिश होते हैं और गर्मी भी रहती है जिससे दोनों का मिक्सर रहता है। यह लोगों को काफी पसंद आता है बरसात के मौसम में लोग पकोड़े खाना काफी पसंद करते हैं और काफी लोग तो इस ऋतु का बहुत ही आनंद उठाते हैं। लेकिन ऐसे भी लोग होते हैं जिनको यह ऋतुपसंद नहीं होता है।
इसका मुख्य कारण यह है कि इस ऋतु में अत्यधिक वर्षा होती है इसी कारण लोग अपने काम पर नहीं जा पाते हैं मौसम खराब रहने के कारण लोगों ने विद्यालय और अपने काम पर जाने में असमर्थ होते हैं। इसके कारण काफी लोगों को यह ऋतुकठिनाई देता है। लेकिन यह सत्य है कि सभी ऋतु का अपना एक मजा होता है और अपना खासियत होता है। यह लोगों के अपने विचार पर निर्भर करता है कि लोगों को वर्षा ऋतु कैसा लगता है। जिन लोगों को वर्षा ऋतु पसंद होता है वह बेसब्री से इस ऋतु का इंतजार करते हैं और इस ऋतु का भरपूर आनंद उठाते हैं।
प्रत्येक साल कई रिते में आती हैं सभी ऋतु का उसने कुछ खास बात है। प्रकृति का नियम है यही है सभी ऋतु का आना यह प्रकृति का नियम है। हम यह नहीं कह सकते कि केवल गर्मी का मौसम आए या केवल ठंडी का ही मौसम आए। प्रकृति के लिए सभी मौसम का आना आवश्यक है। वर्षा ऋतु में ही हमारे किसान भाइयों को काफी फायदा होता है क्योंकि उनके फसलों में काफी वृद्धि होती है। काफी बार वर्षा नहीं होने के कारण फसलें खराब हो जाती है।
जिनसे हमारे किसान भाइयों को काफी हानि का सामना करना पड़ता है। इसलिए वर्षा ऋतु का इंतजार हमारे किसान भाई भी बेसब्री से करते हैं। ऐसा बात नहीं है कि वर्षा ऋतु से हमें सिर्फ फायदा ही मिलता है। इससे हमें काफी नुकसान का भी सामना करना पड़ता है। जिससे कि अत्यधिक वर्षा होने के कारण पानी का जमा होना अत्यधिक वर्षा के कारण हमारे खेत के जो फसल होते हैं। काफी बार खराब हो जाते हैं।
इसके कारण हमें काफी हानि का भी सामना करना पड़ता है। दरअसल हम जानते हैं कि हर एक चीज में अगर फायदा है तो नुकसान भी शामिल है। वर्षा ऋतु आनंद उठाने का लेना है वर्षा में नहाने का अपना एक अलग ही मजा है। हम सभी दोस्त मिलकर वर्षा में काफी आनंद से नहाते हैं। इसलिए पर सारी तू हमारे पसंदीदा ऋतु में से एक है।
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