दीपावली पर निबंध - Dipawali Par Nibandh in Hindi
दीपावली मनुष्य के जीवन में सामान्य और विशेष दो प्रकार के कार्य होते हैं । सामान्य कार्य और सामान्य दिन बराबर होते हैं, किंतु विशेष कार्य और विशेष दिन अपने नियत समय पर आते हैं और उनका विशेष महत्त्व होता है । भारतवर्ष एक ऐसा देश है जहाँ प्राचीनकाल से वर्णाश्रम-व्यवस्था चली आ रही है ।
मूलतः भारतीय समाज चार वर्णों में विभाजित है । प्रत्येक वर्ण का अपना-अपना त्योहार होता है। उन त्योहारों का भारतीय समाज में बड़ा महत्त्व है । यह त्योहार मनाने की प्रथा मानव-समाज में अज्ञातकाल से चली आ रही है। भारत में चार त्योहार मुख्य रूप से मनाये जाते रहे हैं-रक्षाबंधन, विजयादशमी, दीपावली और होली ।
इसलिए दीपावली के एक दिन पहले नरक-चौदस होती है और इस दिन घरों का कूड़ा-करकट सब फेंककर उनकी लिपाई-पुताई करते हैं । दीपावली के दिन सबके घर लिपे-पुते, lसाफ-सुथरे दिखाई पड़ने लगते हैं। यह भी कहा जाता है कि इसी तिथि को महाराजा रामचंद्र ने लंका विजय करके अयोध्या में पदार्पण किया था । उनके आगमन के उपलक्ष्य में उस समय अयोध्या नगर में दीपमालिका मनायी गयो ।
उसी घटना की स्मृति में आज भी दीपावली मनायी जाती है । कतिपय किसान कुछ थोड़ा-बहुत व्यवसाय भी करते हैं । इस त्योहार को मनाकर सभी अपने कार्य में लग जाते हैं । प्राचीन काल में भारत में प्रकृति-पूजा की परिपाटी अधिक थी। लक्ष्मीजी संपत्ति की अधिष्ठात्री देवी मानी जाती थी ।
अतः उनकी पूजा उत्साह से की जाती थी । अब भी व्यवसायी वर्ग लक्ष्मी-पूजन उत्साह से करता है । वर्षा की नयी तथा विभिन्न प्रकार की गंदगियाँ साफ कर दी जाती हैं और समाज नयी स्फूर्ति से काम प्रारंभ करता है । दीपावली हिंदू संस्कृति का सोल्लासपूर्ण त्योहार है.
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Niceessay
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